भू-प्रवेश दिलाने के लिए प्रशासन ने दिखाई सख्ती: चली जेसीबी, मकान भी ढहाया

सतनाजन विरोध को देखते हुए अक्सर प्रशासनिक अमला भू प्रवेश की कार्रवाई करने से कतरा जाता है जिसके कारण कई मर्तबा कई औद्योगिक परियोजनाएं प्रभावित होती हैं। अक्सर ऐसे मामलों को लेकर नेतागिरी शुरू हो जाती है और प्रशासन बैकफुट पर आ जाता है लेकिन औद्योगिक गतिविधियों को बल देने अब प्रशासन ने उन बाधाओं को दूर करने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है जिन बाधाओं से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं।

बुधवार को ऐसी ही एक कार्रवाई करने का साहस रामपुर बाघेलान के स्थानीय प्रशासन ने दिखाया। हालांकि कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों पर औद्योगिक उपक्रमों के इशारे पर करने के आरोप भी लगे लेकिन नियमों का पालन कराने के लिए अधिकारियों ने आरोपों की परवाह भी नहीं की और उस भूखंड को खाली कराया जहां धारा 247 के तहत भू प्रवेश का अधिकार फैक्ट्री प्रबंधन को दिया गया था। 

क्या है मामला 
दरअसल, रामपुर बाघेलान विकासखंड अन्तर्गत बगहाई गांव की कई आराजियां खनन कार्य के लिए प्रिज्म फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित की गई थीं। प्रशासन ने तमाम औपचारिकताओं को पूरा करते हुए प्रिज्म प्रबंधन को भू प्रवेश का अधिकार दिया था लेकिन स्थानीय किसान उचित मुआवजा पाए बिना न हटने पर अड़े हुए थे। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार भू स्वामियों का मुआवजा तय किया जा चुका है लेकिन निर्धारित मुआवजे को लेकर किसान एकमत नहीं थे।

बताया जाता है कि आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन पर लगातार नियमों का पालन करा भू प्रवेश दिलाने का दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे में रामपुर बाघेलान तहसीलदार सविता यादव ने जिला कलेक्टर से मिले आदेश पर अमल करने के लिए अधिनस्थ अमले के साथ बगहाई गांव में दबिश दी।

पुलिस, आम नागरिक व प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में देवेन्द्र सिंह, मधुराज सिंह, जगजाहिर सिंह, छत्रपाल सिंह के खेत में जेसीबी दौड़ा कर उसे समतल किया गया। इसी दौरान लवकुश सिंह का मकान भी भू प्रवेश की जद में मिला जिसे ढहा दिया गया। इस मामले में किसानों का कहना है कि उनकी जमीनों में फसल बोई हुई थी तथा पेड़ लगे हुए थे जिसे प्रशासनिक अमले ने ढहा दिया।