पंजीयन निरस्त होने के बाद दूसरी नम्बर प्लेट लगाकर दौड़ रही थी बस

सतना। आपने दो पहिया वाहनों में नकली नम्बर प्लेट लगाकर बाइकों को दौड़ाने के मामले खूब सुने होंगे लेकिन फर्जी नम्बर प्लेट के दम पर किसी बस को सड़क पर दौड़ने के मामले शायद ही सुने होें लेकिन सतना जिले में एक ऐसे बस आपरेटर भी हैं जो फर्जी नम्बर प्लेट के दम पर बस को सड़कों पर सरपट दौड़ा रहे हैं। बताया जाता है कि जिस बस का पंजीयन निरस्त हो चुका था उस बस को शासन को गुमराह करते हुए एक बस आपरेटर बीते कई माह से सड़क पर सवारियों को ढोने का काम कर रहा है। मामले की शिकायत पर बस को फिलहाल आरटीओ कार्यालय में खड़ा करा लिया गया है। 

व्हील बेस और चेचिस माडल की जांच से खुलेगी पोल 
यदि बरामद बस के व्हील बेस और चेचिस माडल की गहनता से जांच की गई तो पूरे फर्जीवाड़े की पोल खुल सकती है। यदि बरामद बस का व्हील बेस और चेचिस माडल जांच में मिसमैच होता है तो स्पष्ट हो जाएगा कि बस आपरेटर द्वारा विभाग को धोखा कर बस चलाई जा रही है। आरटीओ विभाग ने खड़ी कराई गई बस के संबंध में उस कम्पनी से जानकारी तलब की है जिस कम्पनी ने बस को बनाकर बेंचा है। आरटीओ विभाग ने कम्पनी से बस की चेचिस नम्बर समेत अन्य जानकारियां मांगी हैं। 

क्या है मामला

बताया जाता है कि इन दिनों बस क्र. एमपी 19पी/0140 सड़कों पर सरपट दौड़ रही है। बताया जाता है कि यह नम्बर प्लेट जिस बस को आवंटित की गई थी उस बस के बजाय यह नम्बर प्लेट दूसरी बस में लगी थी जबकि जिस बस में नम्बर प्लेट क्र. एमपी 19पी/0140 लगाकर चलाई जा रही है उस बस में नम्बर प्लेट क्र. एमपी 19पी/0357 लगी हुई थी। बताया जाता है कि बस क्र. एमपी 19पी/0357 का पंजीयन आरटीओ आफिस से निरस्त करा दिया गया है। नियमानुसार निरस्त पंजीयन का वाहन संचालित नहीं किया जा सकता है। परिवहन विभाग के इस नियम से बचने के लिए एक प्रकार से जालसाजी की गई और बस का निरस्त नम्बर निकाल कर उसमें दूसरी नम्बर प्लेट टांग कर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को धोखे में रखा गया।

गौरतलब है कि इसके पूर्व भी कुछ मामले क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के सामने आ चुके हैं। अर्सा पूर्व सामने आए ऐसे मामलों में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने वाहनों को पकड़ कर पुलिस को सौंपा था और जालसाजी करने वालों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कराया था। ऐसे वाहन अभी भी कोलगवां थाने के अलावा विभिन्न थानों में धूल फांक रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि उक्त वाहन कई माह से फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर सड़क पर दौड़ता रहा पर जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। इस मामले में शिकायत होने पर आरटीओ कार्यालय में बस को खड़ा करा लिया गया है। हालांकि आरोप हैं कि आरटीओ कार्यालय परिसर में खड़ी बस का नंबर दुरूस्त करने की कवायद बस आपरेटर द्वारा की जा रही है। 

शिकायत मिलने पर बस को आरटीओ कार्यालय में खड़ा करा लिया गया है, निर्माता कम्पनी से चेचिस नम्बर समेत अन्य जानकारियां मांगी गई हैं। यदि बस का संचालन नकली नम्बर प्लेट पर प्रमाणित हुआ तो एफआईआर समेत अन्य कार्रवाईयां की जाएंगी। 
संजय श्रीवास्तव, आरटीओ सतना