सतना, मैहर, रीवा में आटोमैटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम हुआ चालू
सतना | कोरोना काल मे रेलवे की कमाई काफी घट गई है। ऐसे में रेल महकमे ने अपने खर्चों में कटौती व बचत करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए रेलवे ने तकनीक का सहारा लिया गया है। सतना, मैहर,रीवा रेलवे स्टेशन मे एक सिस्टम तैयार किया गया जिसमे आटोमैटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम के तहत ट्रेन के प्लेटफार्म में आने से 5 मिनट पहले ही सौ प्रतिशत लाइटें जलेंगी और गाड़ी के जाते ही 70 प्रतिशत लाइटें बंद हो जाएगी।
ये सिलसिला पूरी रात चलेगा। इससे रेलवे काफी मात्रा में बिजली बचत कर सकेगा। बताया गया कि जबलपुर रेल मंडल मे पहले इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जबलपुर व नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन में श्ुारू किया गया। इसके अब डिवीजन के सभी बडेÞ स्टेशनों मे यह सिस्टम चालू कर दिया गया। सतना जंक्शन मे प्लेटफार्म 1-2 मे आटोमैटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम शुरू किया गया है। और अब जल्द ही प्लेटफार्म 3 मे भी यह सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा।
ऐसे काम कर रहा सिस्टम
बताया गया कि आटोमैटिक लाइट कंट्रोल सिस्टम को स्टेशन के होम सिग्नल एवं स्टार्टर सिग्नल जोड़ा गया है। इसके अनुसार जब ट्रेन होम पर आएगी और उसे जैसे ही प्लेटफार्म पर आने के सिग्नल मिलेंगे वैसे ही प्लेटफार्म की 100 प्रतिशत लाईट जल जाएंगी और जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी रहेगी तब तक सभी लाइट्स जलती रहेंगी और जब गाड़ी को स्टार्टर सिग्नल मिलेंगे और उसके बाद ट्रेन स्टार्टर सिग्नल से जैसे ही गुजरेगी वैसे ही लाइट 70 प्रतिशत स्वत: ही बुझ जाएंगी।
लाखों की बचत
अभी तक ट्रेन प्लेटफार्म पर रहे या न रहे लेकिन रेलवे की सभी बत्तियां जलती रहती थी, जिससे रेलवे के खजाने को जमकर चूना लगता है। लेकिन इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद ट्रेन के प्लेटफार्म पर आते ही बत्तियां जलने लगेंगी और प्लेटफार्म से रवाना होकर जैसे ही ट्रेन आउटर से आगे निकलेगी प्लेटफॉर्म की 70 फीसदी बत्तियां अपने आप बुझ जाएंगी। इस नए तकनीक के इस्तेमाल से रेलवे को सालाना लाखों की बचत का अनुमान लगाया जा रहा है।
ऐसे आया आइडिया
रेलवे को बिजली की बचत के जरिए खर्चों में कटौती का यह आइडिया मुसाफिरों की कम होती भीड़ को देख कर आया। आम दिनों में यात्रियों की स्टेशनों पर हमेशा भीड़ लगी रहती है, जिसके चलते प्लेटफार्म और अन्य कार्यालयों की बत्तियों और बिजली के अन्य उपकरणों को चलाया जाना बेहद जरूरी होता था, लेकिन मौजूदा दौर में स्टेशन पर सीमित लोग ही पहुंच पा रहे हैं, जिसे देखते हुए जबलपुर रेल मंडल ने इस नए प्रयोग को अमलीजामा पहनाकर बिजली खपत के खर्चों में कटौती का बड़ा फैसला लिया है। सतना स्टेशन मे 50 से 1 लाख रुपय तक रेल राजस्व की बचत का अनुूमान लगाया जा रहा है।