बसपा: उप चुनाव के दावे ध्वस्त, अब निकायों पर निगाह

सतना | बसपा को उप चुनाव में उम्मीद थी, कुछ अच्छा होगा। पर, हुआ नहीं। जहां चंबल की कम से कम 8 सीटें जीतने का दावा था, वहीं एक भी नहीं जीत सके। बसपा के खाते में फिर मायूसी दर्ज हुई। दावा यह भी था कि, उप चुनाव के बाद विंध्य में फिर से बसपा के पुनरोदय के लिए युद्धस्तरीय प्रयास किए जाएंगे, वह भी फिलहाल नहीं दिख रहा।

पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की छुट-पुट संगठनात्मक गतिविधियां जरूर हो रही है। उप चुनाव में 8 सीटें जीतने का दावा करने वाले स्टार प्रचारक भी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं। उनका कहना है कि, नहीं जीत सके तो क्या करें? अब पूरी ताकत से निकायों का चुनाव लड़ेंगे। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अच्छेलाल कुशवाहा ने कहा कि, उप चुनाव में सत्ता की ताकत, प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग हुआ। धन-बल का भी बेजा इस्तेमाल किया गया। अब बसपा की निगाह आसन्न निकाय चुनावों पर है। हम उसकी तैयारी कर रहे हैं। निकाय के चुनाव पार्टी पूरी ताकत से लड़ेगी। तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 

स्टार समाचार के इस सवाल पर कि, सत्ता की ताकत, प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल और धन-बल के उपयोग की संभावना तो निकाय के चुनाव में भी हो सकती है? कुशवाहा ने सहमति जताई कि, बिलकुल हो सकता है लेकिन हम विचारधारा के आधार पर लड़ेंगे। बसपा निकाय के मतदाताओं को अपनी विचारधारा समझाने की कोशिश करेगी ताकि मतदाता उसे वोट करे। हम बस यही कर सकते हैं। उनसे दूसरा सवाल था कि, बसपा ने दस साल पहले महापौर के चुनाव में एक प्रयोग किया था जिसमें भाजपा से बसपा में शामिल कराकर पुष्कर सिंह पर दांव लगाया था जो सफल रहा भले ही पुष्कर वापस पुराने दल में ही चले गए। कुशवाहा ने कहा, राजनीति में कुछ भी संभव है। प्रयोग दोहराया भी जा सकता है। पर अभी कुछ कहना मुश्किल है। 

बसपा के जिला महांत्री स्वामीदीन कुशवाहा ने उपचुनाव के दावे फेल होने पर कहा कि, जब तक इवीएम से चुनाव होंगे परिणामों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हमारी गतिविधियां जारी हैं। संगठन की बैठकें होती हैं। निकाय चुनाव की हम तैयारी कर रहे हैं। बसपा हताश बैठने वालों में नहीं है। दावे संभावित और अनुमानित परिणामों के आधार पर किए जाते हैं। वो परिस्थितियां बदलने पर सही या गलत हो सकते हैं। उपचुनाव हार जाने का मतलब यह नहीं कि हम निकाय के चुनावों को भगवान भरोसे छोड़कर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएं। यह सही है के चुनाव में हार से कार्यकर्ता कुछ दिन के लिए मायूस हो जाता है पर उसमें दोबारा ऊर्जा भरने का प्रयास हमेशा किया जाता है। यह इसबार भी हम कर रहे हैं। 

पार्टी के जिलाध्यक्ष रामपाल साकेत ने कहा कि, हम विंध्य क्षेत्र में निकाय चुनाव से पहले ग्रास रूट पर काम करके न बिकने वाला समाज बनाने का प्रयास करेंगे। उप चुनाव में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाया गया। पोलिंग एजेंटों को जाने नहीं दिया गया। मतदाताओं को गुमराह किया गया। पोलिंग बूथ पर कांग्रेस और भाजपा ने दबिश दी। बसपा का वोट बैंक बढ़ा पर ताना शाही के माहौल में पार्टी को उसका लाभ नहीं मिला।

सेक्टर, पोलिंग और वार्डों की हुई बैठक
बसपा जिलाध्यक्ष रामपाल साकेत की अगुवाई और प्रदेशाध्यक्ष अच्छेलाल कुशवाहा के मुख्यआतिथ्य में रविवार को पोलिंग, सेक्टर और वार्डों के कार्यकर्ताओं की बैठक की। जिसमें आगामी 15 जनवरी को प्रत्येक वर्ष अध्यक्ष सुश्री मायावती का मनाए जाने वाले जन्मदिन की तैयारियों पर चर्चा की गई। मायावती का जन्मदिन आर्थिक जनकल्याणकारी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बैठे में सतना जोन प्रभारी रमेश चौधरी भी शामिल हुए।