बंसल टोल कंपनी ने नहीं कराया है कर्मचारियों का बीमा

रीवा | रीवा-प्रयागराज मार्ग पर स्थित सोहागी बंशल टोल प्लाजा में शासन के नियम कायदे तार-तार हो रहे हैं। दरअसल कंपनी ने कर्मचारियों का जीवन बीमा नहीं कराया है। जबकि हर वक्त कर्मचारियों की जान जोखिम में बनी रहती है। तीन दिन पूर्व ही बेलगाम ट्रक ने तीन कर्मचारियों को कुचल कर मौत की नींद सुला दिया था। इसके पहले भी एक कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत हो चुकी है। बावजूद इसके जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।यहां तक की श्रम विभाग भी इतने गंभीर हादसे पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है।

उल्लेखनीय है कि मनगवां से चाकघाट तक सड़क निर्माण का काम बंशल ग्रुप द्वारा कराया गया है। सड़क को मेंटेन रखने की शर्त पर सोहागी में टोल संचालित करने की जिम्मेदारी भी इसी ग्रुप को दी गई हैं। जहां पर कंपनी के अधीन दो दर्जन से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि कंपनी के द्वारा इन कर्मचारियों का जीवन बीमा नहीं कराया गया है। जबकि शासन व श्रम विभाग के नियमानुसार कंपनी के अधीन काम करने वाले सभी कर्मचारियों का जीवन बीमा अनिवार्य है।

इसके अलावा एहतियात के सभी साधन भी कर्मचारियों के पास उपलब्ध होने चाहिए। लेकिन बंशल टोल प्लाजा में इस तरह के सभी नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। लगातार हो रहे हादसे के बाद शासन-प्रशासन के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं श्रम विभाग भी संज्ञान नहीं ले रहा है। तीन दिन पूर्व हुआ हादसा इसका उदाहरण है। मृतक व घायलों का किसी भी तरह का बीमा नहीं कराया गया था, जिससे उनके परिवार को आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। कंपनी ने दस-दस लाख रुपये देने का वायदा किया है, लेकिन वह कब तक परिजनों के हाथ में मिल पाती है, इसका समय निश्चित नहीं है।

बिखर जाता है पूरा परिवार
कंपनी की इस लापरवाही का सबसे ज्यादा असर उन परिवारों पर पड़ता है, जिनके घर का सदस्य जान गवाता है। न सिर्फ वे अपने घर के सदस्य को हमेशा के लिए खो देते हैं, बल्कि आर्थिक संकट का पहाड़ उन पर टूट पड़ता है। ऐसे में बीमा ही एक ऐसा सहारा होता है, जिससे परिवार आर्थिक तौर पर कुछ हद तक मजबूत हो जाता है। लेकिन बंशल जैसी कंपनी इस महत्वपूर्ण नियम को धता बता रही है।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ कर्मचारियों ने स्टार समाचार से बताया कि टोल प्लाजा में दो दर्जन से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इनकी सैलरी 7 हजार से लेकर 16 हजार तक दी जाती है। लेकिन  इनमें से किसी का बीमा नहीं कराया गया है। इतना ही नहीं कंपनी के द्वारा 8 की जगह 12 घंटे तक ड्यूटी कराई जा रही है। इतना ही नहीं ओव्हर टाइम का अतिरिक्त वेतन अथवा मजदूरी भी नहीं दी जाती है। जो कर्मचारी इसका विरोध करता है तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।

श्रम विभाग का श्रमिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग का मुख्य कार्यालय सतना में है, जहां पर डिप्टी डायरेक्टर बैठते हैं। यदि कंपनी कर्मचारियों का बीमा नहीं कराई है तो उनके द्वारा ही कार्यवाही की जाएगी। रही बात 8 घंटे से ज्यादा ड्यूटी लेने की तो इसकी जांच करा कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीएस परिहार, जिला श्रम अधिकारी