भूसे की तरह भर दिए मवेशी, गौशाला बनी कब्रगाह

सतना | प्रदेश सरकार गौवंश को संरक्षण देने मे फेल साबित हो रही है। आवारा गौवंश को रखने और उनकी उचित देख भाल के लिए लाखों- करोड़ो रूपय की लागत से मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत गौशालाएॅ तो खोली है लेकिन इनमें अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि अब ये गौशालाएॅ गौ-वंश के लिए ही कब्रगाह बनती जा रही है। ऐसा ही एक मामला रामपुर बघेलान विकाश खंड के महुरछ कंदैला गौशाला का सामने आया है, जहां भूसे की तरह तय क्षमता से ज्यादा भर दिए गए और गौशाला कब्रगाह बन गई।

अब सवाल यह उठता है कि क्या जिम्मेदारों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा ? उल्लेखनीय है कि जिलें मे प्रथम चरण में लगभग 40 गौशालाएॅ सरकार ने खोली है। नियमानुसार एक गौशाला मे 100 पशु से ज्यादा नही रखने का प्रावधान है,लेंकिन इसके बाद भी क्षमाता से ज्यादा आवार गौवांश भर दिए गए। जिससे लगभग 33 पशुओं के मौत की बातें सामने आ रही है। 

इधर गौशालाओं मे भूसे-चारें का संकट

वाहवाही लूटने गौशालाएं तो सरकार ने खुलवा इी हैं लेकिन  अब 20 रुपए की खुराक भी सरकार समय से नही दे पा रही है।लेकिन भूसा-चार का बजट न मिलने से इन गौशालाओं का संचालन करने वाले स्व-सहायता समूह व ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि परेशान है। बताया जाता है कि जिला पंचायत एवं उप संचालक पश्ुा चिकित्सा सेवाएॅ द्वारा मप्र गौपालन एवं पशु धन संवर्धन बोर्ड को पत्र भी कई बार लिखा गया है। पिछलें साल फरवरी माह मे 11 गौशालाओं के लिए 54 लाख चारा-भूसें के लिए  बजट मिला थार्

तो अखिर कैसे मर गए पशु क्यो नही दी जानकारी 
बताया जाता है कि पिछलें  कुछ दिनों पहले से महुरछ कदैला मे लगातार गौवंश की मरने की शिकायतें ग्रामीणो द्वारा की जा रही थी। मामला पशु चिकित्सा विभाग के पास जांच के लिए पहुंचा। वेटनरी डा.अनुज प्रताप सिंह ने गौशाला का निरीक्षण किया। जांच मे पाया कि महुरछ कदैला गौशाल मे निर्धारित 100 से अधिक पशु रखे गए हैं। टैंगिंग रजिस्टर से जब मिलान किया गया तो 33 पशु नही मिलें। बताया गया कि गौशाला के पास बने तालाब के पास कई मृत पशुओं को पाया गया। जानकारों के अनुसार गौशाला के संचालन का जिम्मा सरपंच कुसुमकली कुशवाहा एवं लक्ष्मी स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है।

अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर संचालन करने वालों ने क्यो क्षमता से अधिक पशु रखे, क्या भूख व पानी न मिलने से इनकी मौत हुई?  मृत या गायब पशुओं की जानकारी तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों को क्यो नही दी गई?जांच मे यह भी सामनें आया था कि गौशाला मे भूसे का भंडारण कम  था। अधिक पशु होने पर पशुओं के पोषण एवं स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव की आंशका जताई गई है। जानकारों के अनुसार रिपोर्ट अब रामपुर बघेलान एसडीएम के पास आगे की कार्यवाई के लिए प्रेषित की गई है।