कहीं बढ़ न जाए खतरा, इसलिये अभी निपटा लो शादी

सतना | मार्च माह से लेकर अब तक कोरोना संक्रमण ने लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिकरूप से प्रभाव तो डाला ही है लोगों की जीवन शैली भी बदलकर रख दी है। अब उसका साया वैवाहिक कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रहा है। गर्मियों में लॉक डाउन और काफी कम लग्नों के बाद 5 माह चुप्पी के बाद अब जाकर शहनाई तो बजनी शुरू हुई हैं। 11 दिसंबर के बाद अगले 4 महीने तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस तरह अगले साल 22 अप्रैल को पहला विवाह मुहूर्त रहेगा। इधर कोरोना का खतरा और बढ़ रहा है यही कारण है कि अधिकांश लोग दिसबर की लग्नों में ही अपने घर के कार्यक्रम निपटाने में लगे हुए हैं।

पहले शर्दियों में नहीं हुए इतने कार्यक्रम

25 नवंबर से शुरू हुए वैवाहिक कार्यक्रमों का सिलसिला अभी 11 दिसंबर तक चलता रहेगा। इस दौरान एक-एक मुहूर्त में जिस तरह भारी संख्या में शादियां हो रही हैं उसे देखकर हर व्यक्ति हतप्रभ है। अमूमन शर्दियों में होने वालेकार्यक्रम मुख्यत: शहरी क्षेत्र में होते थे वह भी सम्पन्न परिवारों के जबकि ग्रामीण क्षेत्र की शादियां गर्मियों में ही होती थी पर यह पहला साल है जब क्या गांव क्या शहर हर मुहूर्त में सैकड़ों की संख्या में वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं। इस संख्या के बढ़ने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं पर सबसे बड़ा कारण कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ही माना जा रहा है।

लोगों का कहना है कि 11 दिसंबर के बाद 22 अप्रैल तक विभिन्न ज्योतिषीय कारणों से शुभ मुहूर्त नहीं हैं और कोरोना है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा। आगे स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका के चलते सभी बाद के स्थान पर अभी कार्यक्रम निपटाने में जुटे हुए हैं। शादियों का एक और कारण गुजर चुके साल के 10 महीनों में काफी कम मुहूर्त थे। इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं।

मार्च में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे। इसके बाद कोरोना के चलते लॉक डाउन फिर अनलॉक शुरू होने के बाद 31 मई से 8 जून तक शुक्र तारा अस्त होने से मुहूर्त नहीं थे। जून में सिर्फ 7 दिन मुहूर्त थे। इसके बाद 1 जुलाई को एकादशी पर देवशयन हो गया और चातुर्मास लग गया। अधिक मास की वजह से जुलाई के बाद 24 नवंबर तक इन 5 महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं था।

9 दिन में सिर्फ 4 शुभ मुहूर्त
वैसे तो 11 दिसंबर तक लगभग हर दिन वैवाहिक कार्यक्रमों के आमंत्रण आए हैं पर ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक अब सिर्फ 4 ही शुभ मुहूर्त हैं जो 7 दिसंबर मघा नक्षत्र, 9 को हस्त नक्षत्र और 10 तथा 11 दिसंबर को चित्रा नक्षत्र में हैं। कहते हैं कि शुभ मुहूर्त में विवाह करने से दांपत्य जीवन सुखों से भरा रहता है। विवाह के लिए हस्त, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद, स्वाति, मघा, मूल, अनुराधा, मृगशिरा, रेवती, रोहिणी नक्षत्र शुभ बताए गए हैं। 

अब 22 अप्रैल को ही पहला विवाह मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि विवाह के लिए 11 दिसंबर को साल का आखिरी शुभ मुहूर्त रहेगा। अब 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में आ जाने से खर मास शुरू हो जाएगा। जो कि अगले साल 14 जनवरी तक रहेगा। खर मास में विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। इसके बाद 19 जनवरी को गुरु तारा अस्त हो जाएगा और 16 फरवरी तक अस्त ही रहेगा। इस दौरान भी विवाह के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। फिर 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इस कारण 11 दिसंबर के बाद अगले 4 महीने तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस तरह अगले साल 22 अप्रैल को पहला विवाह मुहूर्त रहेगा।