अनलाक के बाद भी रेल राजस्व की सेहत खराब
सतना | कोरोना काल ने रेलवे की सेहत खराब कर रखी है। लॉक डाउन के बाद भले ही कारोबार शुरू हो गए हों लेकिन रेलवे की अर्थव्यवस्था अभी भी पटरी से उतरी हुई है। अांकड़ों के मुताबिक रेलवे को संक्रमणकाल में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। यात्री राजस्व से हर वर्ष जितना मुनाफा होता था इस बार उसमें भारी गिरावट आई है। अकेले अगर सतना जंक्शन की बात करें तो प्रतिदिन इस वर्ष लगभग 12 लाख का रोजाना घाटा हो रहा है। जबकि पिछले साल रोजाना रेलवे को साढ़े 14 लाख से ज्यादा की कमाई होती थी जबकि मौजूदा समय पर यह कमाई 2 लाख रोजाना के इर्द-गिर्द सिमटकर रह गई है।
इसकी वजह अधिक तर सामान्य ट्रेनों का परिचालन न होना बताया जा रहा है। रेलवे ने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए 1 जून से कुछ ट्रेनें तो दौड़ाई लेकिन नियमित की जगह स्पेशल गाड़ी की तरह। जितनी सीट उतनी ही रिजर्व टिकट बेची। गाड़ियां तो बढ़ी लेकिन आय कुछ खास नहीं बढ़ी। बताया जाता है कि अगले आदेश तक नियमित गाड़ियों का संचालन बंद है। स्पेशल गाड़ियों में सिर्फ कन्फर्म टिकट धारियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है जिससे आय के साथ- साथ यात्री की संख्या में भी कमी आई है। आम दिनों में जहां लगभग 11 हजार यात्री प्रतिदिन स्टेशन से टिकट लेकर यात्री अपनी यात्रा शुरू करते थे, वही अब 6-7 सौ यात्री ही मिल पा रहे हैं।
कम दूरी की गाड़िया बंद
कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए रेलवे की नियमित ट्रेनें 21 मार्च से बंद हैं। 1 जून से ट्रेनें पटरी पर लौटी लेकिन स्पेशल ट्रेन बनकर। बताया जाता है कि रीवा -जबलपुर इंटरसिटी को छोड़कर कोई भी गाड़ी कम दूरी की नहीं, जिसमें छोटे स्टेशनों के यात्री आसानी से सफर कर सके। वहीं रेलवे ने जनरल टिकट,प्लेटफार्म टिकट एवं मंथली व सीजनली बंद कर रखी हैं।