नशे का कारोबार: सतना तलब किए गए ग्वालियर-जबलपुर के सप्लायर

सतना | नशे का कारोबार करने वाला एक अंर्तराज्यीय गिरोह बीते दिनों पुलिस के हत्थे चढ़ा था,इस गिरोह में शामिल चार सदस्यों को पुलिस ने घेराबंदी किया और उन्हें जेल भेज दिया है। इस गिरोह को जहां से नशीली कफ सिरप की सप्लाई दी जाती थी उन कारोबारियों को सतना तलब किया गया है। कफ सिरप के जबलपुर व ग्वालियर स्थित डीलरों से सप्लाई के दस्तावेज लेकर एसपी की टीम सतना वापस आ गई है। अब इन होल सेलरों को सतना आकर अपनी बात रखने के लिए पुलिस ने कहा है। हालांकि गिरफ्तारी के चार दिन बाद ग्वालियर, जबलपुर के दोनों दवा कारोबारी सतना नहीं पहुंचे हैं। बताया यह जा रहा है कि अपने वकीलों के माध्यम से पुलिस को जवाब दिया जाएगा।

पुलिस ने दिया नोटिस 
सतना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी दीपेन्द्र पांडेय को नशीली कफ सिरप का स्टॉक ग्वालियर व जबलपुर के दो बडे होल सेलर, दवा व्यापारियों द्वारा मुहैया कराया जाता था। यह बातें अंर्तराज्यीय गिरोह का रामपुर बाघेलान निवासी आरोपी दीपेन्द्र ने पुलिस के सामने कबूली थीं। लिहाजा एसपी ने दोनों जगह एक-एक टीम को रवाना किया। जानकारी में आया है कि जबलपुर व ग्वालियर पहुंची सतना पुलिस ने दोनों कारोबारियों को नोटिस भी जारी किया है एवं सतना में मेडिकल स्टोरों को दी जाने वाली कफ सिरप के दस्तावेज भी अपने साथ लाए हैं।  

एक साल के अंदर कितनी सीसी दी गई 
आरोपी ने यह तो कबूला था कि उसके द्वारा जबलपुर व ग्वालियर से कफ सिरप लाया जाता था और पुलिस को यह भी बताया था कि गिरफ्तार होने के पूर्व में 500 पेटी नशीली कफ सिरप का स्टॉक रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र के बेला के अलावा शहडोल जिले के व्यौहारी में उतारा गया था। लिहाजा एसपी ने दोनों दवा कारोबारी से यह भी जवाब -तलब किया कि यदि एक साल के अंदर सतना के किन-किन मेडिकल स्टोरों को कोरेक्स की सप्लाई दी गई और वह स्टॉक कितनी मात्रा में था? हालांकि पुलिस को अभी यह जवाब नहीं मिला है, दवा कारोबारियों ने खरीदी- बिक्री का रिकार्ड पुलिस को सौंपा है और जवाब वकील के माध्यम से देने की बात कही है। 

सतना पहुंच दर्ज कराना होगा बयान 
पुलिस ने नोटिस में जो जानकारी दवा सप्लायरों से मांगी है उस खरीदी- बिक्री के दस्तावेज लेकर दोनों सप्लायरों को सतना पहुंच अपने बयान दर्ज कराने होंगे। इसके अलावा यदि मेडिकल पंजीयन में हेरफेर पाया गया और रिटेलर का पंजीयन अवैध पाया गया एवं उस पंजीयन में दवाइयों की सप्लाई की गई तो ग्वालियर व जबलपुर के सप्लायरों के विरुद्ध मुकदमा सतना में दर्ज किया जाएगा। खबरों की मानें तो आरोपी दीपेन्द्र की गिरफ्तारी के समय उसके कब्जे से 10 पेटी कोरेक्स बरामद की गई थी।

दीपेन्द्र को रामपुर बाघेलान में रक्षा मेडिकल के नाम पर दवाइयां आती थी लेकिन हाल ही में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद जब सिटी कोतवाली टीआई जांच के लिए रामपुर बाघेलान पहुंची तो जिस जगह पर रक्षा मेडिकल का पता दिया गया था वहां मनीष नाम का मेडिकल स्टोर संचालित पाया गया। इसके अलावा ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौबे ने एसपी को बताया था कि सतना में रक्षा मेडिकल के नाम पर रिटेलर या होल सेलर कोई भी मेडिकल पंजीयन नहीं है। लिहाजा यह शंका जाहिर की जाती है कि अवैध पंजीयन के नाम पर दोनों सप्लायरों द्वारा दवा व नशीली कफ सिरप की बिक्री की जा रही है। 

कौन से पंजीयन में दी गई सप्लाई 
सतना पुलिस ने ग्वालियर, जबलपुर के सप्लायरों को जो नोटिस जारी किया है उसमें कई सवाल हैं, सप्लायरों से यह भी पूछा गया है कि भले ही वे होलसेलर हैं और अपना कारोबार किया लेकिन भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप की सप्लाई क्यों की गई और किस मेडिकल स्टोर के पंजीयन में कोडीन मिली हुई कप सिरप की सप्लाई जारी की गई है। पुलिस ने नोटिस में उन मेडिकल स्टोरों के पंजीयन भी मांगे हैं जिनको इन दोनों सप्लायरों द्वारा कोरेक्स सप्लाई की गई है। नोटिस में यह भी सवाल है कि आरोपी दीपेन्द्र पांडेय के अलावा सतना के और कौन से मेडिकल स्टोर हैं जिनको उनके यहां से दवाइयां, कफ सिरप व नशे की कैम्सूल प्राक्सीवॉन, टेबलेट एल्प्राजोलम, एविल की सप्लाई दी गई। उन मेडिकल स्टोरो के नाम व पंजीयन नम्बर भी मांगे गए हैं। 

ग्वालियर व जबलपुर एक-एक टीम भेजी गई थी, वहां के होल सेलरों को नोटिस जारी की गई है और कुछ दस्तावेज तलब किए गए हैं। दोनो कारोबारियों को सतना पहुंचकर बयान दर्ज कराने के निर्देश हैं। गड़बड़ी मिली तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 
धर्मवीर सिंह, एसपी सतना