15 अप्रैल के बाद 10 वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाएं संभावित
रीवा | माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कराई जाने वाली दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं डेढ़ महीने देरी से आयोजित होंगी। गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रत्येक वर्ष मार्च के पहले सप्ताह में परीक्षाएं आयोजित कराता है मगर इस बार कोरोना इफेक्ट के चलते संभवत: दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 15 अप्रैल के बाद होंगी।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में प्रदेश मुखिया द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक ली गई थी। जिसमें दसवीं और बारहवीं की नियमित कक्षाएं शुरू करने पर भी चर्चा हुर्इं और नियत समय पर परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया था मगर माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर अभी पहले चरण में ही है। यहां तक कि परीक्षा केन्द्रों का भी निर्धारण नहीं हो पाया है और परीक्षा की तैयारी के लिए ब्लू प्रिंट भी अपलोड नहीं हुए हैं।
ज्ञात हो कि हर साल नवम्बर माह में परीक्षा की समय सारिणी जारी हो जाती थी। मगर यहां दिसम्बर का पहला पखवाड़ा समाप्त होने को है और टाइम टेबिल जारी नहीं हुआ है और न ही प्रश्न बैंक तैयार हुए हैं। बता दें कि प्रत्येक वर्ष दोनों कक्षाओं के 177 विषयों के प्रश्न बैंक तैयार होते हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक सिर्फ 17 विषयों के ही प्रश्न बैंक बनाए गए हैं। इसीलिए यह संभावना बन रही है कि इस बार दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित कराने में डेढ़ माह का समय और लग जाएगा और परीक्षाएं संभवत: 15 अप्रैल के बाद होंगी।
बढ़ाए जाएंगे परीक्षा केन्द्र
कोरोना के मद्देनजर परीक्षा के आयोजन में स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पालन करना है। ऐसे में परीक्षा केन्द्रों में भी विभाग को इजाफा करना पड़ेगा तभी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी छात्र परीक्षा में बैठ पाएंगे। वैसे भी अब तक जो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होती रही हैं उनमें कई केन्द्रों में ऐसे हालात रहे हैं कि एक बेंच पर तीन-तीन परीक्षार्थियों को बैठाना पड़ता है यहां तक कि कई केन्द्रों में बेंच भी नहीं मिलती है। नवमीं और ग्यारहवीं की परीक्षा में भी कोरोना का असर देखने को मिल सकता है। जाहिर सी बात है कि शैक्षणिक सत्र देरी से प्रारंभ हुआ। स्कूलों की कक्षाएं लगी नहीं ऐसे में जैसे-तैसे आॅनलाइन कक्षाएं शुरू हुर्इं मगर सिलेबस पूरा नहीं हुआ। नवमीं और ग्यारहवीं की परीक्षाएं भी मार्च के बाद आयोजित करने की संभावना है। आमतौर पर दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं फरवरी में संपन्न हो जाती थीं।