महंगाई की मार, किसानों को नहीं ट्रांसफार्मर की दरकार
सतना | पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी में किसानों के लिए एक योजना आई जिसमें अन्नदाता रबी सीजन में निर्बाध बिजली सप्लाई और अपने खेतो की सिंचाई के लिए किराये पर बिजली ट्रांसफार्मर लगवा सकते हैं। सरकार भले ही किसानों को टीसी कनेक्शन के साथ किराये का ट्रांसफार्मर दे रही है पर किसानों को इस सरकारी योजना में कोई रुचि नहीं है। बात करे जिले की तो सतना में पांच डिवीजन में एक भी किसान ने किराये पर डीटीआर लगाने के लिए आवेदन नहीं किया है। रेंट डीटीआर योजना का सतना में आगाज तक नहीं हुआ है।
25 से 100 तक के ट्रांसफर्मर
योजना के अनुसार विद्युत कंपनी किसानों को सिचाई के लिए रबी सीजन में किराया भुगतान करा कर उनके ट्रांसफार्मरों को खेत के पास लगा रही है। जिसमें 25 केवीए से लेकर 100 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं। आवश्यक्ता के अनुसार 63 केवीए का ट्रांसफार्मर भी किसानों को मिलेगा ,लेकिन इसके उपर का लोड लेने के लिए 200 केवीए की क्षमता का डीटीआर किराये पर नहीं मिलना है।
केवल तीन ही क्षमता के ट्रांसफार्मर किसानों का दिए जाएंगे। इसमें किराया कंपनी को पहले देना होगा जिसमें स्मार्ट बिजली एप से आवेदन के जरिए डिमांड नोट कटेगी और अपने वाहन से किसान डीटीआर ले जा सकेगा। वहीं शर्त है कि ट्रांसफार्मर लगाने के लिए ए-क्लास ठेकेदार से काम कराना होगा और उसका जो भी खर्च आएगा किसान अपनी जेब से अदा करेगा। लिहाजा एक ये भी वजह है कि किसानों को इसमें कोई रुचि नहीं है और अब तक सतना में एक भी आवेदन किराये के ट्रांसफार्मर के लिए नहीं आए हैं। जबकि सतना में सिटी,सतना ओएण्डएम, मैहर ,अमरपाटन व नागौद डिवीजन हैं।
इसलिए भी किसानों को इंट्रेस्ट नहीं
किराया देकर ट्रांसफार्मर लगवाना पहला तो किसान के लिए बहुत महंगा है और उसके बाद निर्माण कार्य का जो खर्च आएगा वो भी किसान को देना है। महंगाई के लिहाज से भी किसान इस योजना पर इंटेस्ट नहीं ले रहे हैं। इसके बाद ये कोई स्थाई योजना नहीं है। किसान के खेत से महज चार माह के बाद ही ट्रांसफार्मर उखाड़कर उसे सहायक अभियंता द्वारा एरिया स्टोर में जमा कराना होगा। एक कारण ये भी है कि महज चार माह के लिए इतनी मसक्कत क्यो की जाए। उपर से किराया भी महंगा है और टीसी कनेक्शन लेने के बाद ही डीटीआर मिलेगा। लिहाजा जिनको आवश्यक्ता है वो भी पीछे हट जाते हैं।
देरी से आई योजना
नवंबर माह से खेती के लिहाज से रबी सीजन शुरु हो जाता है। अब सरकार की किराये पर ट्रांसफार्मर की योजना आई भी देरी से है। नवंबर में जब ट्रांसफार्मर लग जाना चाहिए तब तो सरकार ने इस योजना को लागू किया है। खेतों में सबसे पहले पलेवा दिया जाता है और पलेवा के समय पर योजना नहीं थी। जिन किसानों को रबी में पानी की समस्या होती है और पानीदार फसल नहीं बो पाते हैं वो चना व मसूर की खेती तब तक कर डालते हैं। अब इस सीजन में तो इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा और किराया के ट्रांसफार्मर के लिए विद्युत कंपनी को उपभोक्ता भी मिलना अब कम ही मुनासिव होगा।
हमारे डिवीजन में किसी भी डीसी में किराया का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए आवेदन नहीं आया है। यह कंपनी की बेहतर योजना है,किसान जिनको समस्या है और वोल्टेज नहीं मिल रहा है। लाइने दूर हैं वो इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
धीरेंद्र सिंह ठाकुर, डीई ओएण्डएम सतना