मैहर पुलिस ने पकड़ी 15 टन धान, UP से खेप आने की आशंका

सतना | उप्र में धान की खरी मूल्य कम होने का लाभ यहां के बिचौनिये व अनाज व्यापारी उठा रहे हैं। यूपी की तुलना में मप्र में अधिक दाम मिलने के कारण यहां के अनाज व्यापारी बिचौलियों के जरिए धान मंगाकर खरीदी कर रहे हैं। सरकार की नजर में धान तस्करी की श्रेणी में आने वाले इस कारोबार के जिले में पनपने की पोल सरेआम पकड़े जा रहे स्टाक से हो रही है। सोमवार को अमरपाटन में धान भरे ट्रक की जांच भी पूरी नहीं हो पाई थी  कि मंगलवार को मैहर में तकरीबन 15 टन धान पुलिस द्वारा पकड़ी गई है। पुलिस फिलहाल अनाज व्यपारी और ट्रक के चालक-परिचालक से पूछताछ कर रही है।

इस संबंध में पुलिस से हासिल जानकारी के अनुसार मैहर पुलिस को इस आशय की सूचना मिली कि पुरानी बस्ती मैहर में दो ट्रकों में यूपी से अवैध रूप से लाई गई धान लदी हुई है जिसे अनाज व्यापारी द्वारा खरीदाा जा रहा है। मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करा मैहर थाना प्रभारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने एक टीम गठित कर दबिश दी । पुरानी बस्ती में दी गई दबिश में ट्रक क्रमांक- यूपी 70 डीटी  6397 व एमपी 19 जीए 4593 खेड़े मिले जिसमें तकरीबन 15 टन लदी हुई थी। पुलिस ने दस्तावेज मांगे लेकिन चालकों द्वारा संतोषजनक जवाब न देने पर ट्रक व माल को जब्त कर लिया गया है।

मैहर पुलिस ने ट्रक चालक 50 वर्षीय छोटेलाल यादव निवासी ग्राम डीह थाना सोहागी जिला रीवा तथा राजेश साकेत पिता सिपाही लाल साकेत उम्र 32 वर्ष निवासी सोनवारी थाना मैहर को पकड़कर पूछताछ शुय कर दी है। इसके अलावा पुरानी बस्ती मैहर  निवासी धान व्यापारी श्याम नारायण अग्रवाल पिता स्वर्गीय सुंदर लाल अग्रवाल  से पूछताछ कर पुलिसयह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर पकड़ा गया स्टाक कहां से आया है। मैहर पुलिस इस्तगासा क्रमांक 1 /2020 धारा 102 जाफौ  में संपूर्ण माल जप्त किया गया है ।  पकड़ी गई धान की कीमत 288000 रूपए आंकी गई है।

तो क्या कर रहा प्रशासनिक अमला
मैहर में पकड़ी गई धान यदि अवैध है तो फिर वह प्रशासनिक अमलाक्या कर रहा है जिस पर ऐसे परिवहन को रोकने की जिम्मेदारी है? यदि प्रशासनिक अमला चुस्त होता तो रीवा जिले की सीमा लांघकर धान उप्र से नहीं आती। जिले का अमलाचुस्त होता तो परिवहन की गई धान को पकड़ने पुलिस को मशक्कत नहीं करनी पड़ती क्योंकि सामान्यत: धान पकड़ना पुलिस का काम नहीं है।