किसानों को टोकन देने के बाद भी भुगतान नहीं: उच्च् न्यायालय ने दी नोटिस, 6 सप्ताह में मांगा जवाब

रीवा | गत वर्ष समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी में त्योंथर के मागी क्रमांक-3 खरीदी केन्द्र में किसानों की धान की तौल कराए जाने के बाद भी उनका भुगतान नहीं किया गया। ऐसे में मागी खरीदी केन्द्र के 328 किसानों द्वारा दायर की गई उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन को कोर्ट ने संज्ञान लेकर जिम्मेदारों को नोटिस देकर 6 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।

गौर करने वाली बात यह है कि मांगी खरीदी केन्द्र क्रमांक-3 में तौली हुई धान का भुगतान एवं खरीदी केन्द्र से धान की लूट में शामिल दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कलेक्टर रीवा के पास 16 जून 2020 को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी।   6 माह से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी न तो इस पर कोई कार्रवाई की गई और न ही किसानों को भुगतान ही किया गया। 

त्योंथर तहसील के मागी क्रमांक-3 में 1 फरवरी 2020 को टोकन के माध्यम से 328 किसानों से धान की तौल कराई गई थी। पावती मांगने पर खरीदी केन्द्र प्रभारी द्वारा कम्प्यूटर में फीडिंग न होने का बहाना बताकर पर्ची नहीं दी गई। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ब्लाक इकाई त्योंथर द्वारा आंदोलन किया गया। जिस पर 24 फरवरी को अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर, फूड कंट्रोलर द्वारा धान फीडिंग का आश्वासन दिया गया। अधिकारियों द्वारा दिए जाने वाले आश्वासन के चलते सभी किसानों की धान खरीदी केन्द्र मागी क्रमांक-3 गुलाला मैदान में रखी रह गई। शिकायत में बताया गया कि अतुल मिश्रा, विनोद कुमार तिवारी उर्फ गुड्डू, रूपेन्द्र पाठक उर्फ झल्लू जो खरीदी केन्द्र मागी का सम्पूर्ण कार्य देखते थे, इनके द्वारा 3 जून की रात्रि में व्यापारियों को बुलाकर सभी किसानों की धान बिक्री कर दी। दूरभाष पर जब अनुविभागीय अधिकारी को सूचना दी गई, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 

एफआईआर के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
खरीदी केन्द्र में रखी गई किसानों की धान को व्यापारियों के हाथ बेच देने के बाद 4 जून 2020 को सभी किसानों द्वारा थाना सोहागी में अतुल मिश्रा खरीदी प्रभारी, विनोद तिवारी गुड्डू सहयोगी एवं समिति प्रबंधक अतरैला रूपेन्द्र पाठक उर्फ झल्लू, विक्रेता के नाम एफआईआर की गई। ताज्जुब की बात है कि इस एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में एक माह पूर्व उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर की गई। जिसमें अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा द्वारा की गई पैरवी के बाद उच्च न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।

इन्हें दी गई नोटिस
उच्च न्यायालय जबलपुर में  दायर रिट पिटीशन क्रमांक 15795-2020 के बाद न्यायालय ने प्रमुख सचिव खाद्य मप्र शासन भोपाल, जनरल मैनेजर सिविल सप्लाई कार्पोरेशन रीवा, फूड कंट्रोलर, कमिश्नर रीवा डिवीजन, कलेक्टर रीवा, एसडीओ त्योंथर, पुलिस अधीक्षक रीवा, थाना प्रभारी चाकघाट को नोटिस देकर 6 सप्ताह में किसानों के भुगतान के संबंध में जवाब मांगा है।