चना, मसूर के प्रदर्शन बीज का हिसाब नहीं दे पा रहे अधिकारी

रीवा | रबी की बोनी के लिए शासन द्वारा प्रदर्शन के लिए आए बीज का हिसाब देने में अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। किसानों के खेतों में बोए जाने वाले इस प्रदर्शन बीज को फ्री में दिया जाता है। कृषि विभाग के पास आए चना एवं मसूर के बीज को किसान हितग्राहियों के नाम कागजों में अंकित कर बाजार में बेच दिया गया है। ऐसे में किसान प्रदर्शन बीज से वंचित रह गए हैं। हालांकि प्रदर्शन बीज गायब होने का यह कोई पहला मामला नहीं है।

पिछले वर्ष भी प्रदर्शन बीज को बाजार में बेचे जाने की शिकायत सामने आई थी। गौरतलब है कि रबी की बोनी के लिए गेहूं, चना, मसूर, सरसों, अलसी एवं जौ को कृषि विभाग द्वारा किसान हितग्राहियों तक पहुंचाना था ताकि समय से उनकी बोनी हो सके। खास बात यह है कि चना एवं मसूर की बोनी पूरी हो जाने के बाद सेवा सहकारी समितियों में कुछ बीज तो पहुंचाए गए हैं जिनमें से प्रदर्शन बीज संबंधित ब्लॉकों में नहीं पहुंचा है। जबकि शासन स्तर से प्रदर्शन बीज के नाम पर 1 हजार क्विंटल चना एवं 260 क्विंटल मसूर का आंकड़ा बताने में विभागीय अधिकारियों को पसीना छूट रहा है।

पचास फीसदी हुई बोनी
रबी सीजन की बोनी पलेबा एवं बीज वितरण के चलते पीछे हुई है। बताया गया है कि जिले में अब तक मात्र 50 फीसदी रकबा में बोनी हो पाई है। जबकि दिसम्बर महीना शुरू होने में मात्र दो दिन बकाया है ऐसे में अब तक तकरीबन 80 फीसदी बोनी हो जानी चाहिए। 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर गेहूं की बोनी के लिए उपयुक्त समय बताया गया है परंतु नहरों में आने वाले पानी की समस्या एवं किसानों को बीज उपलब्ध कराने में नाकाम कृषि विभाग के चलते रबी की बोनी पिछड़ी हुई है। 

हर वर्ष होती है गफलत
किसानों के खेतों में बोनी के लिए शासन द्वारा जो प्रदर्शन बीज दिया जाता है, उसे जिम्मेदार निगल जाते हैं। सगे-संबंधियों को छोड़कर जो बीज इनके पास बचता है वह गायब कर दिया जाता है। यह कोई पहला वाकया नहीं है जब प्रदर्शन बीज का हिसाब अधिकारी बताने में थरथरा रहे हैं। हर वर्ष जिले के अधिकारियों की मिलीभगत से ब्लॉक स्तर के अधिकारी, कर्मचारी इस पर अनियमितता करते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि विकासखण्ड क्षेत्र में रखे गए कृषि मित्र जिन्हें शासन से पारिश्रमिक भी दिया जाता है, वह भी किसानों के हित में काम न कर अधिकारियों द्वारा की जा रही मनमानी में उनका साथ देते हैं।