रिंग रोड फेज-टू: निर्माण हुआ स्थगित, जमीन वापस करने लगाए आवेदन

रीवा | रिंग रोड फेज-टू के लिए अधिग्रहीत की गई भूमियों के बदले किसानों को शासन द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया था जबकि किसानों की उन जमीनों का नामांतरण संभागीय प्रबंधक सड़क विकास निगम लिमिटेड संभाग क्र. 1 रीवा के नाम कर दिया गया था। जिन भूमियों को रिंग रोड के दूसरे फेज के लिए अधिग्रहीत किया गया था, उसमें नहर की ऊंचाई अधिक होने के कारण एमपीआरडीसी चीफ इंजीनियर ने रोड के एलाइमेंट की मंजूरी ही नहीं दी है।

उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि जहां से रिंग रोड निकाले जाने का प्रस्ताव किया गया था, उसके स्थान अन्य कोई विकल्प तलाश कर सर्वे का कार्य कराया जाए। खास बात यह है कि जिन किसानों की भूमियों का अधिग्रहण कर बगैर मुआवजा के संभागीय प्रबंधक सड़क विकास निगम लिमिटेड के नाम नामांतरण किया गया था, सड़क बनने की मंजूरी निरस्त होने के बाद उन्हें वापस कर देना चाहिए। किसानों ने  संभागीय आयुक्त तथा राजस्व विभाग एवं भू-अर्जन अधिकारी अनुभाग हुजूर को जमीन वापस करने की फरियाद लगाई है।

रिंग रोड से सिलपरा तक बनने वाले फ्लाईओवर में नहर की ऊंचाई अधिक होने से स्थगित किए गए इस प्रोजेक्ट के बाद किसानों की अधिग्रहीत भूमियां अब खाली हो गई हैं। ऐसे में शासन को यह चाहिए कि उनकी भूमि उन्हें वापस कर दें। किसानों का यह कहना है कि शासन द्वारा अधिग्रहीत की गई भूमियों के बदले उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे में उनकी भूमियां उन्हें लौटाकर उनके नाम नामांतरण कराई जाएं। जिससे उनका खेती का कारोबार प्रभावित न हो।

हालांकि भू-अर्जन अधिकारी द्वारा जिस समय जमीनों का नामांतरण कराया गया था उस दौरान किसानों को भले ही मुआवजा नहीं मिला था बावजूद वह अपनी भूमि को वापस लेने की मांग नहीं किए। इतना ही नहीं कई बार मुआवजे की मांग जरूर किसानों द्वारा की गई थी बावजूद शासन से अधिग्रहीत की गई कई एकड़ भूमियों का मुआवजा नहीं वितरित किया गया था। चीफ इंजीनियर एमपीआरडीसी भोपाल द्वारा निरस्त किए गए इस प्रोजेक्ट के बाद जब दूसरे विकल्प की तलाश की जा रही है ऐसे में उन किसानों ने अपनी जमीन की मांग की है जिनका अधिग्रहण किया गया था।