सड़क सुरक्षा समिति: साल भर बाद भी नहीं हुआ निर्णयों पर अमल

सतना | शहर को जाम से मुक्ति दिलाने और यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के जितने भी प्रयास किए जा रहे हैं वे सब बेमानी साबित हो रहे हैं। अव्यवस्थित यातायात एक लाइलाज बीमारी बनती जा रही है। व्यवस्था में सुधार के लिए समय- समय पर कई निर्णय भी लिए जाते हैं लेकिन इन निर्णयों का पालन हकीकत में किया जा रहा है या नहीं इसकी ठीक से मॉनीटरिंग नहीं होने की वजह से व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। यहां तक की व्यवस्थ में सुधार के लिए सालों पहले जो निर्णय लिए गए थे उन पर अमल की जिम्मदारी जिन विभागों को दी गई थी वे अपनी जिम्मेदारियों से मुहं फेरे बैठे हैं। 

अक्सर सड़क सुरक्षा समिति अथवा अन्य बैठकों के दौरान सड़कों में वाहनों की पार्किंग और इनकी मरम्मत का मामला उठता रहा है। इस बात पर भी चर्चा होती रही है कि सड़कों में वाहन न खड़े हो इसकी व्यवस्था की जाए पर कारगिल ढाबा से लेकर पतेरी तक कई स्थानों पर सड़क में ही जहां वाहनों की मरम्मत हो रही है वहीं शहर के बीचों- बीच कई ऐसे स्थान हैं जहां सड़क में ही वाहन पार्क हो रहे हैं। 

ये लिए गए थे निर्णय 

  • शहर व ग्रामीण आॅटो के अलग- अलग परमिट जारी किए जाएं
  • ट्रांसपोर्ट नगर को पीछे शिफ्ट किया जाए 
  • पुराने राज्य परिवहन डिपो का उपयोग बसों की पार्किंग के लिए हो
  • नो इंट्री प्वाइंटों को व्यवस्थित किया जाए
  • सड़कों में वाहन अनावश्यक रूप से खड़े करने व मरम्मत के कार्य को प्रतिबंधित किया जाए
  • शहर में पार्किंग व्यवस्थित की जाए
  • सड़कों का चौड़ीकरण किया जाए
  • वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण दिया जाए
  • वाहन चालको का नेत्र परीक्षण कराया जाए 

बाइपास: वर्षों से निर्माणाधीन बेला- सतना बाइपास शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है इससे शहरवासियों को ही नहीं प्रशासनिक अमले को भी बड़ी उम्मीद है। माना जा रहा है कि इसके बन जाने से शहर में वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। वाहनों का दबाव कम होने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि शहरवासियों को सुगम यातायात की सौगात मिल सकेगी। 

साइकल ट्रैक: शहर के बीचों- बीच स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत साढ़े दस किमी का साइकल ट्रैक प्रस्तावित है। इस साइकल ट्रैक को भी ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़े लोग शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक कदम के रूप में देख रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अभी सड़कों के किनारे वाहन खड़े होते हैं कई स्थानों पर सड़क के किनारे वाहनों की मरम्मत का कार्य भी होता है। इससे भी यातायात अवरूद्व होता है। साइकल ट्रैक बनने के बाद सड़कों के किनारे वाहनों की पार्किंग पर प्रतिबंध लग जाएगा। 

शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ी समस्या है।इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है और इसमें सुधार के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। इन निर्णयों को जल्द अमल में लाया जाएगा। अगले कुछ दिनों में शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए जाएंगे। 
अजय कटेसरिया, कलेक्टर