शोकॉज-फटकार, फिर भी स्टाक दिखा रहीं मशीनें
सतना | वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के साथ ही कालाबाजारी रोकने पीओएस मशीनों के माध्यम से ही किसानों तक खाद पहुंचाने की व्यवस्था नासूर बनकर रह गई है। गोदाम भले ही खाली पड़े रहें पर पीओएस मशीनों से स्टाक न घटने से जिले के लिये यूरिया तथा डीएपी की आपूर्ति रुकने का खतरा उत्पन्न हो गया है। स्टाक घटाने को लेकर लाख जतन किये गये। यहां तक कि कलेक्टर ने डीडीए को शो-कॉज जारी किया, भोपाल से सतना तक अधिकारी अपने अधन्ीास्थों को लगातार फटकार रहे हैं पर व्यवस्था नहीं सुधरी। सभी का एक ही बहाना है कि मशीन काम नहीं कर रही।
5 साल पहले से शुरू हुई पीओएस मशीन से खाद वितरण की अनिवार्यता पीओएस मशीन को मिलने वाले हर नये साफ्टवेयर अपडेट के साथ और भी बिगड़ती जा रही है। पहले मशीन खराब होने के बहाने से आफलाइन खाद बेंची जा रही थी पर अब तो कभी सर्वर काम नहीं कर रहा तो कभी मशीन काम नहीं कर रही का बहाना है। मजे की बात तो यह है कि जिले में खाद्यन वितरण में उपयोगी हो रहीं पीओएस मशीनों में इतनी दिक्कत नहीं आती पर खाद वितरण में वही मशीनें हाफने लगती है।
सबसे अधिक गड़बड़ी सहकारी समितियों में ही दिख रही है। बताते हैं कि पिछले पखवाड़े इफ्को खाद कम्पनी द्वारा नई मशीनें मंगाकर जिले की सभी 156 समितियों की मशीनें एक झटके में ही बदल दी गई हैं। इसमें यह भी नहीं देखा गया कि इस समय सिर्फ 92 के करीब समितियां झ्ी खाद का विकरण कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उर्वरक मंत्रालय का पोर्टल अभी भी जिले में 5730 एमटी यूरिया तथा 9200 एमटी डीएपी का स्टाक बता रहा है जबकि गोदामों में इसकी एक चौथाई मात्रा भी नहीं है।
पिछले माह का ही दिख रहा स्टाक
वैसे तो जिले की अधिकांश सहकारी समितियों में पीओएस मशीन में स्टाक दिख रहा है पर एक दर्जन के करीब समितियों में नवंबर माह का स्टाक ही इतना दिख रहा है कि सहज ही कोई विश्वास नहीं कर सकता। सूत्रों के अनुसार सितपुरा समिति में चम्बल कम्पनी की 185.625 एमटी यूरिया का स्टाक पीओएस मशीन में दिख रहा है जो संभव ही नहीं है। इसी तरह गंजास, मढ़ीकला, शिवराजपुर, वर्ती, बसुधा, धउरहरा, जैसी समितियों में नंवबर माह का 25-25 एमटी स्टाक दिख रहा है जबकि जिले में यूरिया की हर तरफ कमी बनी हुई है।
मालूम हो कि जिले की 156 समितियों को नई पीओएस मशीने दी जा चुकी हैं बावजूद इसके कहीं सर्वर काम नहीं करता तो कहीं मशीन ठीक नहीं है का बहाना स्टाक हटाने में बनाया जा रहा है। सीजन में भारी जरूरत के समय यूरिया, डीएपी का नया आवंटन न मिलने के खतरे से अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। बोपाल से लगातार फटकार मिल रही है तो इसी मामले में उप संचालक कृषि बहारोलाल कुरील को कलेक्टर की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी हो चुकी है।
पीओएस मशीन से स्टाक न घटने की सबसे अधिक मामले सहकारी समितियों में हैं। कई बार कहने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा। इस लापरवाही के चलते रबी सीजन में भारी जरूरत के बीच यूरिया की कमी होने का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।
बहोरीलाल कुरील, उप संचालक कृषि