पुलिया की पुरानी फेसवाल पर ही बना दी नई फेसवाल

सतना | लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों पर भ्रष्टाचार की लेप चढ़ाई जा रही है । सड़क निर्माण में तय मानकों के विपरीत काम कर न केवल विभागीय राशि को ठिकाने लगाया जा रहा है बल्कि सड़क निर्माण को भी भारी क्षति पहुंचाई गई है। ऐसी ही सड़क में पुराने काम के ऊपर ही नए काम किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग की कई सड़कें अभी भ्ी जांच के दायरे में हैं। लोक निर्माण विभाग अनियमितताओं का अड्डा बनता जा रहा है। हैरानी है कि सरेआम हो रही धांधली को लेकर एसडीओ व कार्यपालन यंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। 

क्या है मामला 
दरअसल लोक निर्माण विभाग रामपुर -तपा-बगहाई सड़क मार्ग का निर्माण करा रहा है। दिलचस्प यह है कि लाखों की लागत से बनाई जा रही सड़क का जिम्मा भी एयरपोर्ट प्रेमी उपयंत्री एके निगम ही देख रहे हैं। हालांकि उन्हें उपयंत्री के समस्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है लेकिन उनका दखल इस सड़क पर बना हुआ है। बताया जाता है कि मापदंडों के विरूद्ध बनाई जा रही इस सड़क पर जमकर धांधली बरती जा रही है।

उपयंत्री निगम की देखरेख में बनी इस सड़क में कहीं मैनुअल तो कही मशीनरी से काम कराया गया है । सबसे बड़ी धांधली तो पुलिया निर्माण  की गई है । सूत्रों के अनुसार पुलिया निर्माण में पुरानी फेसवाल को तोÞे बिना तोड़े पाइप लगाकर दूसरी फेसवाल  खड़ी कर दी गई है जो निर्माण मानकों के विरूद्ध है। इसके अलावा सड़क निर्माण में जिस प्रकार की घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है उससे सड़क के जल्द ही क्षतिग्रस्त होने की आशंका भी जानकार जता रहे हैं। 

लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जा रहे वे अधिकांश काम जांच के दायरे में है जिनके गुणवत्ता नियंत्रण का जिम्मा एसडीओ बृजेश सिंह के पास है। ऐसे तीन सड़क निर्माण जांच के दायरे में आ चुके हैं। बावजूद इसके एसडीओ को क्लीन चिट अधिकारी क्यों दे रहे हैं, यह समझ से परे है। इनमें से सबसे चर्चित रोड हैं रिंग रोड।  बीटी रिव्युनल के तहत रिंग रोड का निर्माण कार्य 4 दिसंबर 2019 को पूर्ण हुआ जिसकी परफार्मेंस अवधि 3 दिसंबर 2022 तक निर्धारित की गई थी लेकिन यह सड़क गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की पोल खोलते हुए एक साल के भीतर ही ध्वस्त हो गई।

29 सितंबर को रिंग रोड के संबंध में पत्र क्र. /480कार्य/2020-21/सतना के जरिए लोक निर्माण विभाग के एसडीओ द्वारा आला अधिकारियों को दी गई रिपोर्ट के अनुसार बीटी रेनुय्वल के कार्य में के बावजूद रिंग रोड के दो किमी का हिस्सा पूर्णतया ध्वस्त हो  हो गया है तथा पूरे भाग में क्षरण व पाट होल्स 6 माह में ही निर्मित हो गए हैं, जिससे शासन को अपूर्णनीय क्षति हुई है। रिपोर्ट में साफ उल्लेख है कि कार्य के दौरान तत्कालीन उपयंत्री व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संविदाकार पर कृपा बरसाई गई और क्वालिटी कंट्रोल को ताक पर रख दिया गया नतीजतन करोड़ों खर्च के बाद भी रिंग रोड तहस नहस हो गई। कमोबेश ऐसी ही रिपोर्ट सतना-सेमरिया मार्ग की भी है जिसकी जिम्मेदारी बृजेश सिंह के पास ही है।

सतना-सेमरिया मार्ग के निर्माण में भी भारी गफलत निरीक्षण के दौरान सामने आई है। 28 सितंबर को पत्र क्र./485 कार्य/2020-21/सतना के हवाले से दी गई रिपोर्ट के अनुसार 579.13  लाख की लागत से 41.20 किमी लंबी सतना-सेमरिया सड़क मार्ग का उन्नयन कार्य जून में समाप्त हुआ । इस सड़क में टेककोट, बीयूएसजी,बीएम, बीसी, हार्ड शोल्डर,डब्लूूएमएम व  सीआरएम का प्रावधान होने के बावजूद न केवल जगह-जगह पाट होल्स निर्मित हो गए बल्कि यहां डामर भी स्लिप पाई गई है। इसी तरह सगौनी-जेपी सीमेंट प्लांट रोडभी जांच में 60 फीसदी ध्वस्त पाई गई।

मे.एएएस ग्रुप द्वारा 127.03 लाख की लागत से बनाए जा रहे 2.3 किमी सगौनी-जेपी सीमेंट प्लांट रोड का कार्य फिलहाल प्रगति पर है। सकरिया-सरवहना मार्ग भी ऐसी ही विसंगतियों की शिकार है। 15 जून 2019 को पूर्ण किए गए सकरिया-सरवहना सड़क मार्ग की निरीक्षण रिपोर्ट भी संविदाकारों पर स्थानीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी की पोल खोलती है। 79.14 लाख की लागत से निर्मित इस सड़क का 50 से 60 फीसदी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा सड़क चलने लायक नहीं बची है। 

आप जिन चार सड़कों की बात कर रहे हैं, उनमें से तीन की जांच कराई जा चुकी है और तय मानकों के अनुसार पुन: सड़क को दुरूस्त करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। एक सड़क का मामला संज्ञान में नहीं था। दिखवाकर जांच कराई जाएगी। 
जीआर गुजरे, चीफ इंजीनियर रीवा परिक्षेत्र