काम के बोझ ने लगाया सम्मान निधि सत्यापन में ब्रेक
सतना | पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले में लाभ प्राप्त कर चुके अथवा नये आवेदको की पात्रता को लेकर हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन का काम 25 नवंबर की डेट लाइन गुजरने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया। इस लेट लतीफी को लेकर सतना कलेक्टर अजय कटेसरिया ने नाराजगी जताते हुए इस काम को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का रिमाइण्डर जारी किया है। इस मामले में कृषि अधिकारियों का कहना है कि उनके पास सिर्फ यही काम नहीं हैं। ब्लाक में रहने वाले एसडीओ कृषि व एसएडीओ से लेकर ग्रामीण स्तर पर पदस्थ आरएईओ तक को इसके अलावा कई मोचो पर काम करना पड़ रहा है। ये सभी काम सम्मान निधि के भौतिक सत्यापन से कम महत्व पूर्ण नहीं हैं।
क्यों आई पात्रता केसत्यापन की नौबत
वित्तीय वर्ष 2018-19 में देश भर में किसानों को 6 हजार का सालाना लाभ देने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधी योजना लागू की गई थी जो दिसंबर 19 से प्रभावी भी हो गई थी। सतना जिले में 1 लाख 80 हजार के करीब किसान हैं जो या तो सम्मान निधि की एक दो किश्तें प्राप्त कर चुके हैं अथवा आवेदन किया है। इस योजना का लाभ लेने के लिये भूमि की सीमा के साथ ही अन्य कई बिन्दु हैं पर काफी ऐसे किसान भी लाभान्वित हो गए जो या तो दो हेक्टेयर से अधिक भूमि के स्वामी थे अथवा उनकी आय के अतिरिक्त जरिये भी थे।
सतना जिले में ही ऐसे किसानों की संख्या हजारों में होगी। बहरहाल मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिये कुल संख्या का 5 प्रतिशत सत्यापन के लिये चुना गया है। यह संख्या साढ़े नौ हजार के करीब है। यह कार्य एसडीओ कृषि की अगुआई में एसएडीओ, एडीओ तथा आरएईओ द्वारा किसान के घर तक पहुंचकर किया जा रहा है। अभी तक 50 फीसदी के करीब भी प्रगति नहीं हो सकी। यही कारण है कि कलेक्टर को रिमाइण्डर भेजना पड़ा।
करने पड़ रहे ये जरूरी काम भी
विभागीय सूत्रों का कहना है कि सम्मान निधि के भोतिक सत्यापन का काम तो विभागीय अमले के पास है ही साथ ही इसी दौरान उन्हें ब्लाक मुख्यालय में रहकर किसानों को बीज वितरण, खाद वितरण, दिल्ली से आई 20 वायर की सूची में शामिल किसानों व विक्रेता के बयान, पीओएस मशीन में दिखा रहा खाद का वास्तविक से अधिक स्टाक निल करने की जद्दोजहद के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा छेड़े गये गुण नियंत्रण के लिये खाद बीज के नमूने एकत्र करने का काम भी करना पड़ रहा है। इसके अलावा मैदानी अमले का एक बड़ा हिस्सा इन दिनों चल रहे धान उपार्जन कार्य की निगरानी में भी तैनात है। यही कारण है कि सम्मान निधि के पात्र किसानों के सत्यापन कार्य में देरी हो रही है।
पीएम किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों की पात्रता तय करने के लिये भौतिक सत्यापन 25 नवंबर तक पूरा करना था। इधर जिले में अन्य कई जरूरी कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी होने से सत्यापन में देरी हो रही है।
राम सिंह बागरी, सहायक संचालक डीडीए कार्यालय