युवा कांग्रेस चुनाव: सतना में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर लोस विस समिति अध्यक्षी तक के लड़ाके

सतना | लंबे समय बाद यूथ कांग्रेस के चुनाव होने जा रहे है। चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर सियासी माहौल गर्म हो उठा है। सात साल तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने वाले कुणाल चौधरी की जगह अब जहां नया अध्यक्ष चुना जाना है। जिले में भी यूथ कांग्रेस की कार्यकारिणी को एक नया आकार देना है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सतना विधायक समेत कांग्रेस के 2 विधायकों, नेता पुत्रों सहित कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।

वहीं जिले में लोकसभा क्षेत्र समिति अध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र समिति अध्यक्ष समेत विभिन्न पदों के लिए आधा सैकड़ा उम्मीदवार चुनाव मैदान में जोर लगा रहे हैं। बेशक चुनाव में सीनियर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की प्रत्यक्ष भूमिका न हो लेकिन युकां के चुनावी लड़ाके उन सीनियर कांग्रेसियों से भी मुलाकात कर चुनावी रण को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हैं जिन कांग्रेसियों का प्रभाव युकांइयों पर है। 

मतदान की तारीखें तय 
प्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव के लिए मतदान की तारीख तय हो गई है। 10, 11 व 12 दिसंबर को मतदान होगा। ऐसा पहली बार होगा, जब किसी संगठन के चुनाव आॅनलाइन हो रहे हैं। इसके लिए ऐप बनाया गया है। हर सदस्य को इसे डाउनलोड करना होगा। इसके माध्यम से सतना  के 9700 और प्रदेश में 3 लाख 50 हजार से ज्यादा सदस्य प्रदेश अध्यक्ष चुनेंगे। इसके अलावा प्रदेश महामंत्री, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री व विधानसभा प्रभारी के लिए भी सदस्य वोट करेंगे।

प्रदेश कार्यकारिणी के लिए चार उपाध्यक्ष चुने जाएंगे, जिनमें से एक महिला व एक अनुसूचित जाति-जनजाति का होगा। महामंत्री में एक-एक अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला व अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांग के लिए रिजर्व किया गया है। पांच महामंत्री पद सामान्य होंगे। इसके अलावा सचिव पद पर उन नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, जो निर्धारित न्यूनतम मत हासिल करेंगे।

प्रदेश अध्यक्षी का मुकाबला दिलचस्प 

अध्यक्ष पद के लिए सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ,आगर से विधायक विपिन वानखेड़े, पूर्व विधायक लाखन सिंह के भतीजे संजय यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया के बीच मुकाबला है। विक्रांत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लॉबिंग कर रहे हैं, जबकि पूर्व मंत्री जीतू पटवारी संजय यादव को वोट देने के लिए सदस्यों को फोन कर रहे हैं। बावजूद, इसके दोनों पर विधायक वानखेड़े भारी पड़ सकते हैं। वजह है कि वानखेड़े ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को युवा कांग्रेस की सदस्यता दिलाने का अभियान चलाया था, जिससे उनके समर्थकों की संख्या अन्य दावेदारों के मुकाबले ज्यादा नजर आ रही है। हालांकि एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी भी अध्यक्ष की दौड़ में हैं।

जताई थी चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति 
यह अच्छी बात है कि युवा कांग्रेस प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक नई कार्यकारिणी गठित करने की प्रक्रिया में है लेकिन पदाधिकारियों के चयन की पुरानी प्रक्रिया वर्तमान में अपनाई जा रही प्रक्रिया से ज्यादा सशक्त थी। वर्तमान युकां लोकसभा अध्यक्ष राजदीप सिंह मोनू कहते हैं कि उन्होने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए आम सहमति से पदाधिकारी चुने जाने की राय रखी थी । मोनू का कहना है कि एक ही दल में रहकर जब राजनीति करनी है तो आपस में चुनाव क्यों? चुनाव कहीं न कहीं लड़ाकों के बीच दूरी पैदा करते हैं जो संगठन हित में नहीं है। बहरहाल अब जब चुनाव हो रहे हैं तो लड़ाकों को स्वस्थ तरीके से बिना वैमनस्यता के चुनाव लड़कर युकां को मजबूत करने का प्रयास होना चाहिए। 

2011 से हुई थी चुनाव के जरिए चयन की शुरूआत
कांग्रेस की इकाई युवा कांग्रेस में वर्ष 2011 में चुनाव की शुरूआत हुई थी। मप्र युवा कांग्रेस में पहले निर्वाचित अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह थे, जो बाद में कमलनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री भी बने। उस समय दो साल का कार्यकाल था। अगस्त 2013 में दूसरे प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी बने। कुणाल चौधरी अभी विधायक हैं। उनका कार्यकाल 2015 में समाप्त हो रहा था, लेकिन तब कांग्रेस ने अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल के बजाय तीन साल कर दिया था। हालांकि 2016 में भी युवा कांग्रेस के चुनाव नहीं हुए और कुणाल अब तक अध्यक्ष हैं।

जिला कार्यकारिणी के लिए कई मैदान में
प्रदेश अध्यक्षी के अलावा जिले की यूथ कांग्रेस के लिए भी चुनाव हो रहे हैं। जिले में युवा कांग्रेस के तकरीबन 9700 मतदाता हैं जिन्हें सदस्यता अभियान के दौरान युवा कांग्रेस ने जोड़ा था। जिला लोकसभा क्षेत्र समिति अध्यक्ष पद के लिए पांच दावेदार मैदान में हैं। विक्रांत त्रिपाटी, मशहूद अहमद शेरू, अरूण पांडे, निखिल सिंह तिवारी व विमलेश तिवारी लोकसभा अध्यक्षी के लिए चुनावी किला लड़ा रहे हैं। यदि यूथ कांग्रेस के  सदस्यता अभियान के आंकड़ों पर गौर करें तो विक्रांत त्रिपाठी और मशहूद अहमद शेरू के बीच कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है।

सदस्यता अभियान के दौरान विक्रांत त्रिपाठी ने 2750 सदस्य, महाहूद अहमद शूरू ने 2400 , अरूण पांडे  ने 17 सौ सदस्यों को पार्टी की यूथ विंग से जोड़ा था। जाहिर है कि जिस लड़ाके ने ज्यादा सदस्य बनाए हैं उसका पलड़ा ज्यादा भारी है बशर्ते वह अपने समर्थक सदस्यों के ज्यादा से ज्यादा मत डलवा सके। इसके अलावा यहां से प्रदेश महासचिव के पद के लिए बृजेंद्र शर्मा छोटू, नितिन शराफ, राघवेंद्र त्रिपाठी, प्रभात द्विवेदी  ने दावा ठोका है।

जिला महासचिव के लिए भी कई दावेदार हैं। इमरोज खान, देबू सोनू, कल्लू वर्मन, दीपक चतुर्वेदी समेत पांच लड़ाके जिला महासचिव पद के लिए चुनावी किला लड़ा रहे हैं। सर्वाधिक मारामारी विधानसभा अध्यक्ष के लिए है। सतना विधानसभा अध्यक्ष के लिए अजय सोनी, अंकित गुप्ता, तौफीक अहमद ,मयंक वर्मा समेत पांच लड़ाके हैं। इसी प्रकार अमरपाटन विधानसभा अध्यक्ष के लिए 2, मैहर के लिए 3, नागौद के लिए 3 , चित्रकूट के लिए 3, रामपुर के लिए 2 व रैगांव विधानसभा क्षेत्र की अध्यक्षी के लिए 2 लड़ाके चुनावी किला लड़ा रहे हैं।