युवा कांग्रेस: 50 फीसदी से भी कम हुआ मतदान
सतना | गत दिवस युवा कांग्रेस के चुनाव में युकांइयों ने 50 फरसदी से भी कम मतदान हुआ है। यदि मतदान के अंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जिले में तकरीबन 9700 मतदाता संख्या वाली युवा कांग्रेस से केवल 3790 युकांइयों ने मतदान में रूचि दिखाई। मतदान के कम आंकड़े भले ही प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन में कोई बड़ा असर न डाले लेकिन जिला पदाधिकारियों के निर्वाचन का समीकरण बदल सकता है।
गौरतलब है कि गुरूवार को प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश महामंत्री, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री व विधानसभा प्रभारी के लिए युकांइयों ने वोट डाले थे। वोटिंग के पूर्व युवा कांग्रेस पदाधिकारी का चुनाव लड़ रहे लड़ाकों ने ज्यादा से ज्यादा वोटिंग कराने की मुहिम छेड़ रखी थी लेकिन लड़ाकों के तमाम प्रयासों के बावजूद संगठनात्मक चुनाव में मतदान का आकड़ा 50 फीसदी को नहीं छू सका। गुरूवार को सतना समेत 16 जिलों में मतदान हुए हैं जिनमें 36955 युकाइयों ने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें से जिले से कुल 3790 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया।
इन्ही मतों के आधार पर जिला पदाधिकारियों का चुनाव किया जाना है। लोकसभा क्षेत्र समिति अध्यक्ष पद के लिए चुनावी किला लड़ा रहे विक्रांत त्रिपाटी, मशहूद अहमद शेरू, अरूण पांडे, निखिल सिंह तिवारी व विमलेश तिवारी के जीत के समीकरण कम मतदान से गड़बड़ा सकते हैं। इसी प्रकार प्रदेश महासचिव के पद के लिए चुनावी जंग मं कूदे बृजेंद्र शर्मा छोटू, नितिन शराफ, राघवेंद्र त्रिपाठी, प्रभात द्विवेदी व विस अध्सक्ष के लिए चुनाव मैदान में उतरे इमरोज खान , देबू सोनू, कल्लू वर्मन , दीपक चतुर्वेदी आदि के जीत हार का समीकरण भी इन्ही मतदाताओं को तय करना है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कम मतदान होने का फायदा किस लड़ाके को मिलता है।
पूर्वानुमान पर ग्रहण बन सकता है कम मतदान
युवा कांग्रेस की मतदान तिथि तक बनाए गए सदस्य संख्या के आधार पर लोस अध्यक्ष समिति के पद के लिए मुकाबला विक्रांत त्रिपाठी और मशहूद अहमद शेरू के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन कम मतदान ने संगठन के भीतर ही भीतर नई चर्चा को जन्म दे दिया है। बताया जाता है कि कम मतदान का फायदा अरूण पांडे और विमलेश तिवारी को मिल सकता है और विक्रांत व शेरू के बीच का मुकाबला इनके बीच खिसक सकता है।