लुट रहा किसान: प्रति बोरी 5 रुपए की अवैध वसूली और 5 सौ ग्राम धान की चपत

रीवा। समर्थन मूल्य में चल रही धान खरीदी में किसानों को लूटा जा रहा है। प्रति बोरी उनसे न सिर्फ पांच रुपये अवैध तरीके से वसूला जा रहा है, बल्कि 5 सौ ग्राम धान की चपत भी लगाई जा रही है। तकरीबन हर खरीदी केंद्र में यही हाल है। अधिकारियों की अनदेखी से बढ़ावा देने का काम कर रही है। किसान चिल्ला रहे हैं, पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। डाटा एंट्री आॅपरेटर से लेकर समिति प्रबंधक तक किसानों को लूटने का काम कर रहे हैं।

जिले में धान खरीदी के लिए 122 केंद्र बनाए गए हैं। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में किसान धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। शासन ने धान खरीदी के लिए मापदंड तय किया है। जिसके तहत किसानों को एक बोरी में 40 किलो 600 ग्राम धान देना है। जबकि केंद्रों में किसानों से 41 किलो 200 ग्राम से लेकर 41 किलो 500 ग्राम धान ली जा रही है। जबकि उसका वजन 40 किलो ही दर्ज किया जा रहा है। इतना ही नहीं किसानों से प्रति बोरी तौल के लिए 5 रुपये वसूले जा रहे हैं। जबकि शासन ने तैलाई के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं किया है।

इस तरह से किसानों से प्रति बोरी धान में 500 ग्राम धान की चपत लगाई जा रही और 5 रुपये अतिरिक्त वसूली की जा रही है। इस लूट में समिति प्रबंधक से लेकर डाटा एंट्री आॅपरेटर सभी संरक्षण दे रखे हैं। बकायदा इसमें उनका कमीशन रहता है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकारी भी इस मामले को नजर अंदाज कर रखे हैं। जिससे किसान लुटने का मजबूर है।

शुक्रवार को इस तरह का मामला अतरैला खरीदी केंद्र क्रमांक 2 में सामने आया है। किसान दुर्गेश गुलशन यादव ने इसकी आवाज उठाई तो उससे मारपीट के उतारु हो गए। लिहाजा उसने इस अवैध लूट की जानकारी दूरभाष पर कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने तत्काल एक्शन लेते हुए समिति प्रबंधक और डाटा एंट्री आॅपरेटर से बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन कोई भी उनसे बात करने को तैयार नहीं हुआ।

लिहाजा कलेक्टर ने मोबाइल को स्पीकर में डाल कर वहां मौजूद जिम्मेदारों को फटकार लगाया। इसके बाद नायब तहसीलदार सतीश सोनी, पटवारी मनीष जायसवाल एवं जवा थाना प्रभारी कन्हैया बघेल को मौके पर भेजा। जिनके पहुंचने पर मामला उजागर हुआ। कई किसानों ने अवैध वसूली की शिकायत की।

सवाल-जबाव करने पर रिजेक्ट कर देते हैं धान
यहां अहम पहलु यह है कि जो किसान इस मानमानी का विरोध करते हैं और वहां मौजूद आॅपरेटर और समिति प्रबंधक से सवाल-जबाव करते हैं तो उनकी धान को अधिक नमी बता कर रिजेक्ट कर दिया जाता है। लिहाजा किसान मजबूरी में उनकी बात मानने को तैयार रहते हैं। जिससे समिति प्रबंधक का हौसला बुलंद है।

समिति प्रबंधक को जारी किया शोकॉज नोटिस
कलेक्टर के आदेश पर अतरैला खरीदी क्रमांक 2 पहुंचे नायब तहसीलदार को भी भारी अनियमितता मिली। किसानों से अवैध वसूली और अधिक धान लेने के साक्ष्य मिले। लिहाजा समिति प्रबंधक नरेन्द्र मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें तीन दिन में जबाव देने का आदेश दिया गया है। इसके पश्चात आगे की कार्रवाई करने का आश्वासन किसानों को दिया गया है।

अतरैला खरीदी केन्द्र में किसानों से अधिक धान लेने और रुपये वसूलने की सूचना मिली थी। मौके पर नायब तहसीलदार को भेज कर जांच कराई गई है। समिति प्रबंधक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। किसानों से अवैध वसूली बर्दास्त नहीं की जाएगी।
इलैयाराजा टी, कलेक्टर रीवा