कांग्रेस की संभागीय बैठक पूर्व अनुशासन तार-तार, पूर्व विधायक समर्थकों ने किया बावरिया पार्ट-2
रीवा | अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक द्वारा आहूत संभागीय बैठक के पहले एक बार फिर अनुशासन तार-तार हो गया। पूर्व विधायक मऊगंज के समर्थकों ने बावरिया पार्ट-2 कर डाला। आलम यह था कि लोस पूर्व प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी राज एवं करीब दो दर्ज पूर्व विधायक समर्थक आपस में भिड़ गए।
एक-दूसरे के समर्थन में नारेबाजी के दौरान मारपीट की नौबत आ गई। गनीमत की बात यह है कि पार्टी के पर्यवेक्षक राजकुमार पटेल के हस्तक्षेप के चलते कांग्रेसियों का आपस में खून खराबा नहीं हो पाया। अलबत्ता एक-दूसरे पर जमकर गालियां बरसाई गर्इं। इसके पूर्व प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के साथ विस चुनाव के लिए रायशुमारी के दौरान इन्हीं समर्थकों ने मारपीट तक कर डाली थी। पार्टी में गुटीय वर्चस्व की लड़ाई प्रदेश प्रभारी श्री वासनिक की नजरों के सामने हुई।
दरअसल सुबह साढ़े 10 बजे से कांग्रेस कमेटी की संभागीय बैठक शिव महाशक्ति रिसॉर्ट इटौरा में शुरू हो रही थी, इस बीच जिले भर के कांग्रेस के तमाम छोटे-बड़े नेता और उनके समर्थक जुटे थे। बताया जाता है कि जैसे ही प्रदेश प्रभारी एवं राष्टÑीय महासचिव मुकुल वासनिक, सिद्धार्थ तिवारी राज एवं संजय कपूर, राजकुमार पटेल एक साथ रिसार्ट पहुंचे, पहले से मौजूद समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इस बीच वहां मौजूद मऊगंज के पूर्व विधायक एवं उनके समर्थक भी जोर-जोर से अपने नेता का जिंदाबाद करने लगे। बताया जाता है कि मुकुल वासनिक और सिद्धार्थ तिवारी ने कार्यकर्ताओं को नारेबाजी करने से रोका। यहीं से मामला बिगड़ गया। पूर्व विधायक ने राज को इंगित करते हुए कहा कि तुम नारेबाजी रोकने वाले होते कौन हो। जैसे ही पूर्व विधायक के तेवर तल्ख हुए दोनों पक्षों से समर्थक एक-दूसरे के साथ जूझ पड़े। देखते ही देखते रिसार्ट परिसर बवाल में तब्दील हो गया। जब तक वरिष्ठ नेता राजकुमार पटेल हस्तक्षेप करते, तब तक मारपीट की नौबत आ गई थी। हालांकि बाद में दोनों नेताओं के समर्थक इधर-उधर तितर-बितर हो गए। लेकिन बहुत देर रात आपस में गाली गलौज करते रहे।
अनुशासन तोड़ने वालों पर सख्ती होगी : मुकुल
बवाल के बाद रिसार्ट के अंदर शुरू हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी, राष्टÑीय महासचिव मुकुल वासनिक ने सख्त लहजे में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अनुशासन जिस संगठन में नहीं रहता, वह संगठन मर जाता है। कोशिश करो तमाम नेता साथ निकलें, जिससे आने वाले चुनाव में पार्टी के पक्ष में नतीजे आएं। उन्होंने स्थानीय कमेटी के पदाधिकारियों को कहा कि वे अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं और नेताओं से सख्ती से निपटें, समर्थकों में मतभेद हो सकता है लेकिन इस हद तक कि आपस में ही संघर्ष करते नजर आएं यह किसी पार्टी और संगठन के हित में नहीं है।
निजी मतभेदों को लोगों के बीच लाकर पार्टी की फजीहत करने से नेता व कार्यकर्ता बाज आएं। कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए श्री वासनिक ने कहा कि जिसमें पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण नहीं है, किसी नेता विशेष के प्रति लगाव हो वे कतई कांग्रेसी नहीं हैं। इस बीच उन्होंने तमाम बड़े नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देने के लिए काम करें। श्री वासनिक ने कहा कि जनमत का भाजपा ने चीरहरण कर लिया है। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव में उसे सबक सिखाने का अवसर मिला है जिससे पार्टी निकाय चुनाव में खुद को काबिज कर सकती है।बैठक के दौरान जहां पार्टी को सशक्त और सक्रिय करने के लिए कई नेताओं ने सुझाव दिए, वहीं शिकायतों की भी भरमार रही।
बैठक के दौरान अचानक तनाव की स्थिति तब निर्मित हुई जब पूर्व महापौर प्रत्याशी प्रियंका तिवारी ने माइक संभालते ही महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष कविता पाण्डेय की बगावत का चिट्ठा खोल दिया। वहां मौजूद कविता पाण्डेय की समर्थक महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिससे कुछ देर के लिए हाल में हंगामा खड़ा हो गया।
बाद में राजकुमार पटेल ने यहां भी हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया और प्रियंका तिवारी को अपनी बात रखने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व चुनाव में पार्टी ने टिकट दिया जिसके विरोध में कविता पाण्डेय बगावत कर चुनाव लड़ी थीं जिसके कारण कांग्रेस की हार हुई थी। प्रियंका तिवारी ने कहा कि ऐसे लोगों के पुन: पार्टी में आने और टिकट न मिलने पर बगावत करने के आसार बने हुए हैं। लिहाजा पार्टी इस तरह की परंपरा को रोकने सख्त कदम उठाए।
राजनिवास में भी हुआ हंगामा
शिव महाशक्ति रिसार्ट में आहूत बैठक में शामिल होने के लिए बनाई गई सूची को लेकर सुबह राजनिवास में भी जमकर हंगामा हुआ है। बताया जाता है कि यहां मौजूद कुछ नेताओं और उनके समर्थकों ने जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों पर आरोप लगाया कि जान बूझकर चहेतों को बैठक में शामिल करने के लिए सूची में नाम रखा गया है। जबकि जिनसे वैचारिक मतभेद थे उन्हें दरकिनार कर दिया गया है।
कार्रवाई के लिए दिए निर्देश
दिल्ली रवाना होने के पूर्व रीवा रेलवे स्टेशन पर प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और संजय कपूर ने जिलाध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ल भगत और गुरुमीत सिंह मंगू को तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्हें पार्टी से पृथक करने की बात बोल गए हैं। हालांकि इन नेताओं का नाम नहीं उजागर किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि बावरिया पार्ट-2 को अंजाम देने वाले नेता समर्थकों पर कार्रवाई हो सकती है। इस संबंध में अध्यक्ष त्रियुगी नारायण का कहना है कि सोमवार को वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श के बाद बवाल करने वालों को नोटिस जारी की जाएगी।
संभाग के बड़े नेताओं का रहा जमघट
उक्त बैठक में रीवा जिले के समस्त पदाधिकारी, नेताओं के अलावा सतना, सीधी और सिंगरौली के नेता और पदाधिकारियों ने भाग लिया। चार अलग-अलग चरणों में हुई बैठक में रीवा की बैठक में लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी राज, विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुखेन्द्र सिंह बन्ना, अभय मिश्रा, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा बाबा, डॉ. मुजीब खान, राकेश तिवारी, अध्यक्ष द्वय त्रियुगी नारायण शुक्ल भगत, गुरुमीत सिंह मंगू, रमाशंकर सिंह, डॉ. एसएस तिवारी, पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल, लखनलाल खण्डेलवाल, सईद मिस्त्री, अंजनी द्विवेदी, विमलेन्द्र तिवारी, चक्रधर सिंह, मुस्ताक खान, बृजेन्द्र शुक्ला, बृजेन्द्र पाण्डेय, बृजेश पाण्डेय, रमा दुबे, अनुपम तिवारी, जयवीर सिंह सेंगर, शिव प्रसाद प्रधान, अरुणा तिवारी, सुतीक्षण सोहगौरा समेत तमाम जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे। जबकि सतना से पूर्व मंत्री डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह, सईद अहमद, राजाराम त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारीगण, सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल एवं पार्टी के समस्त पदाधिकारी, नेतागण, सिंगरौली जिले से भी पार्टी के नेता व पदाधिकारी, पूर्व विधायक, पूर्व प्रत्याशी विधानसभा उपस्थित रहे।