दिव्य विचार :धीरज से ताकतवर बनता है व्यक्ति- मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज

दिव्य विचार :धीरज से ताकतवर बनता है व्यक्ति- मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज

मुनिश्री प्रमाण सागर जी कहते हैं कि दूसरी बात- कैसी भी परिस्थिति है, यह सोचिए - यह थोड़े देर की बात है। क्या बोला ? थोड़ी देर की बात है, कोई परमानेंट नहीं है। चलो थोड़ी देर की बात है, हम टॉलरेट कर लेंगे। अगर आपने सोचा कि ये थोड़ी देर की बात है तो इससे क्या होगा? आपके मन में धीरज आएगा और मन का धैर्य उस परिस्थिति से जूझने की आपको शक्ति देगा, सम्बल देगा, आपका मन डगमगाएगा नहीं। जैसे- आज मान लीजिए यह कार्यक्रम है, यहाँ आप बैठे हैं, आपको पता है महाराजजी एक घण्टे में अपना प्रवचन पूरा कर देते हैं आपको अगर थोड़ा पीठ में दर्द भी हो या और भी कोई तकलीफ हो तो आप कहोगे- घण्टे भर की बात है, महाराज के प्रवचन में समय का पता ही नहीं लगता है, अपन तो आराम से बैठते हैं और आगे बैठकर सुनते हैं। आपको कोई परेशानी नहीं होगी और किसी ने कह दिया आज तो इतवार है, महाराजजी तीन घण्टे का प्रवचन देंगे तो क्या करोगे? क्या हो गया? बोलो... फिर क्या करोगे? फिर सोचोगे- कैसे महाराज से नजर बचे और मैं यहाँ से खिसकूँ। क्या हुआ? यह उदाहरण है। तुम्हारे जीवन में जब भी कोई प्रतिकूल स्थिति निर्मित हो, यह सोचो, यह थोड़ी देर की बात है, थोड़ी देर की बात है। ठीक है, "इट बिल बी पास" बीत जाएगा, निकल जाएगा। थोड़ा समय, कोई बात नहीं, हम इसको टॉलरेट कर लेंगे। अगर मन में धीरज आ जाए तो मनुष्य अपने आप ताकतवर बन जाता है। मैं हमेशा कहता हूँ- धीरज कमजोर की ताकत है और अधीरता ताकतवर की कमजोरी। जो लोग अधीर हो जाते हैं, वे ताकतवर होने के बाद भी कमजोर हो जाते हैं लेकिन धैर्य रखोगे तो धैर्य बहुत बड़ा सम्बल है। जीतिकार कहते हैं- '

विपदि धैर्यमधाभ्युदये क्षमा'

विपत्ति में धीरज हमारा सबसे बड़ा सम्बल है। घनी रात है, रात है, रात है, काली रात है, रात हो गई, रात हो गई, रात को कोसने से क्या होगा ? रात को कोसने से क्या होगा?